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चीन में बढ़ते कोरोना से कम हो सकती हैं इलेक्ट्रिक कारों की मैन्युफैक्चरिंग, जानिए क्या भारत कर पाएगा यह काम

चीन में कोरोना से वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहन बनाने हो सकती है दिक्कतें

चीन में लगातार कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं जिसको देखते हुए विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों के उद्योग पर प्रभाव पड़ सकता है जहां इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग चीनी टेक्नोलॉजी और किसी ना किसी पार्ट के द्वारा होती है जो चीन में निर्मित होता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन में दोबारा कोरोना का नया वेरिएंट आने से उद्योगों पर विशेष प्रभाव पड़ सकता है जिसके कारण इलेक्ट्रिक कारों की मैन्युफैक्चरिंग निश्चित रूप से प्रभावित होगी। ऐसे में भारत की घरेलू उद्योगों को उन्नति करते हुए जल्द चीन के ऊपर कार कंपनियों का यह डिपेंड पन दूर हो सके। मीडिया रिपोर्ट में यह खबर भी सुर्खियों में है कि चीन में नया कोरोना वेरिएंट से वैश्विक स्तर पर कारों और अन्य कमर्शियल वाहनों के मैन्युफैक्चरिंग को प्रभाव डाल सकता है।

भारतीय कंपनियों को शुरू करनी होगी मैन्युफैक्चरिंग

जहां हाल ही में कई भारतीय कंपनियां इलेक्ट्रिक और अन्य वाहनों में उपयोग आने वाले विभिन्न पार्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए घरेलू तौर पर तैयारियां कर रही हैं जहां भारत सरकार कई कंपनियों को भारत में विशेष प्लांट लगाने के लिए सुविधा भी प्रदान करती हैं। ऐसे में भारत आगे चलकर जल्द ही वैश्विक स्तर पर नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपना नाम चला सकेगा। बहुत सारी विदेशी कंपनियों ने भारत सरकार की मदद के जरिए भारत में अपने निवेश को बढ़ाते हुए कई इलेक्ट्रिक प्लांट चालू कर लिए हैं ऐसे में जल्द ही चीन के ऊपर दुनिया की नजरों को भारत अपनी तरफ खिच सकता है।

आने वाले समय में भारत निकालेगा हल

साल 2023 भारत में उद्योगों और नए निर्माण के लिए अच्छा साबित होने वाला है जहां कई कंपनियां भारत मैं अपनी मैन्युफैक्चरिंग पर निवेश करते हुए लगातार वैश्विक स्तर पर भारत को नया दर्जा प्रदान कर रही है। जहां पहले की तुलना में भारतीय मार्केट में कारों और अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी लगातार बढ़ रही हैं जिससे दुनिया भर की कंपनियां भारत को बिजनेस की नजर से देखते हुए निवेश के लिए तैयार हैं।

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