Government Subsidy On Scooters: इन सभी टू व्हीलर गाड़ी खरीदने वाले ग्राहकों के लिए एक और सबसे बड़ी खुशखबरी आई है। जिस किसी ग्राहक ने टू व्हीलर इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदी है उसके लिए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके चलते हैं सभी ग्राहकों को 19 हज़ार का रिफंड मिलेगा। Ministry of heavy industry ने हाल ही में एक और बड़ा फैसला किया है। जो सभी टू व्हीलर इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने वाले ग्राहकों के लिए एक बहुत बड़ा फैसला है।
अगर आपने भी हाल ही में टू व्हीलर इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदी है तो अब आपको ₹19000 का रिफंड मिल जाएगा। यह रिफंड कंपनी द्वारा जो वाहन को चार्ज करने के लिए चार्ज दिया गया था। उसका अमाउंट जो कंपनी ने ग्राहक से लिया था अब उसे उस ग्राहक को उसका रिफंड करना होगा। इसमें टीवीएस, एथेर एनर्जी ,ओकीनावा, ओला इलेक्ट्रिक और हीरो मोटर कॉर्प जैसी बड़ी कंपनियां शामिल है। जिस किसी का हक ने फाइनेंशियल ईयर 2019-20 से लेकर इस साल मार्च 2023 तक जिस किसी कस्टमर ने ओला इलेक्ट्रिक s1 pro का स्कूटर खरीदा अब उसे उसके चार्जर के पैसे ग्राहक को रिफंड करने होंगे। इसमें कंपनी द्वारा अपने ग्राहक को ₹9000 से लेकर 19 हज़ार रुपए तक का रिफंड मिल सकता है।
कम्पनी क्यों कर रही है ग्रहको को रिफंड
अगर हम मंत्रालय की बात करें तो मंत्रालय ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि सभी कंपनियां faster adoption and manufacturing of hibrid and subsidy नियमों के तहत सभी ग्राहकों से सब्सिडी की वसूली कर रही थी। लेकिन नियम के मुताबिक कोई भी कंपनी ग्राहक से चार्जर का पैसा वसूल नहीं कर सकती हैं। लेकिन सभी कंपनियों ने ग्राहकों से चार्जर के पैसे की वसूली की थी। मंत्रालय के पास इसकी शिकायत भी आई थी कि सभी कंपनियां ग्राहकों से चार्जर का अधिक पैसा भी वसूल कर रही हैं। जिसके बाद मंत्रालय ने इसकी जांच शुरू की और कंपनियों को दोषी मानते हुए मंत्रालय ने ग्राहकों के हित में फैसला लिया।
मंत्रालय ने सभी कंपनियों से 100 करोड़ रुपए से भी ऊपर की वसूली
मंत्रालय ने सभी टू व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों से 100 करोड रुपए से भी ज्यादा पैसों की वसूली की है। जिसमें ओला इलेक्ट्रिक ने 130 करोड़ रुपए की वसूली की है। वहीं मंत्रालय ने अभी हीरो इलेक्ट्रिक TVS और एथर एनर्जी को नोटिस भेजा है। अब मंत्रालय हीरो इलेक्ट्रिक से 133 करोड रुपए की तो वही ओकिनावा से 116 करोड रुपए की वसूली करेगा। मंत्रालय ने बताया कि यह सभी कंपनियां ग्राहकों से सब्सिडी के नाम पर ग्राहकों से फर्जी वसूली कर रही थी।