disadvantages of cng cars: भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट मे बीते कुछ सालों मे पेट्रोल/डीजल की बढ़ती कीमतों ने ग्राहकों का ध्यान CNG और इलेक्ट्रिक कारों की ओर आकर्षित किया है। इलेक्ट्रिक शुरूआती दौर में होने से हर किसी के बजट में फिट नहीं हो रही, वही CNG दोनों समस्याओं का समाधान देती है। ये किफायती भी है और फ्यूल भी काफी सस्ता है। हालाँकि इनकी अपनी अलग दिक्कतें हैं, जिसकी जानकारी हम आपको देने वाले हैं।

1. कम पावर जनरेशन और टॉर्क

CNG कारों मे पेट्रोल इंजन लगा होता है और यह CNG को अल्टरनेट फ्यूल के तौर पर उपयोग करती है। इस वजह से पेट्रोल डीजल इंजन के मुकाबले CNG कारों का इंजन कम पावर और टॉर्क उत्पन्न कर पाता है। CNG कारों के पिकअप और टॉप स्पीड की कमी के पीछे भी यही कारण शामिल हैं। इस समस्या का सबसे बेहतर समाधान हाइब्रिड कारे है।

2. फ्यूल की अनुपलब्धता

CNG कारे भी इलेक्ट्रिक की तरह मार्केट मे नयी है। जिस कारण चार्जिंग स्टेशन की तरह ही CNG फ्यूल भी हर जगह उपलब्ध नहीं होता है। किसी भी लंबी दूरी या ट्रिप पर जाने से पहले टैंक को फूल करवाना ना भूले, अन्यथा CNG के लिए भटकना पड़ सकता है।

3. सेफ्टी के लिए खतरा

आए दिन विभिन्न माध्यमों से CNG कारों मे आगजनी की घटना के बारे में सुनने को मिलता है। इसे CNG कारों की सबसे बड़ी दिक्कत भी कहा जा सकता है। कई बार CNG कारों मे तकनीकी ख़राबी या लंबे समय तक सर्विसिंग का कराने के कारण फ्यूल टैंक से लीकेज जैसी दिक्कत भी हो सकती है, जो कि जानलेवा है। हालाँकि इस प्रकार की घटनाएँ गर्मियों के मौसम में ज्यादा देखने को मिलती है।

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