कार इस्तेमाल करने वाले लोग अक्सर कार की सर्विसिंग नगर लापरवाह होते हैं।अगर कार की सर्विसिंग समय रहते नहीं करवाई जाती है तो उसका असर कार के साथ-साथ टायर पर भी होता है धीरे-धीरे गाड़ी की कंडीशन खराब हो जाती है इस खबर के जरिए हम आपको बताएंगे कि टायर के एलाइनमेंट का सही समय पर कामना करवाने पर आपको क्या हरजाना करना पड़ सकता है।

आखिर क्यों जरूरी है? व्हील एलाइनमेंट

जब हम कार का इस्तेमाल हर जगह करते हैं कार में जगह न होने के बावजूद भी हम कार में अधिक सवारी के साथ परिवहन करते हैं और रास्ते में अनेकों गड्ढे मिलते हैं इसका सबसे ज्यादा असर टायर एलाइनमेंट पर पड़ता है जिसकी वजह से वह धीरे-धीरे खराब होने लगते हैं। और अगर हम गिराज पर अलाइव मैन के करवाने के लिए ले जाते हैं तो उसका ज्यादा खर्चा होता है इसी कारण समय पर रहते कार के अलाइव मैन को ठीक करवाना अति आवश्यक होता है।

कार के दूसरे पार्ट्स पर भी पड़ता है?असर

कार के टायर क्लाइमेंट्स खराब होने के बाद सस्पेंशन में भी खराबी हो जाती हैं और धीरे-धीरे इसका कार स्टेरिंग पर भी देखा जाता है इसी के चलते कार के अन्य पार्टी धीरे-धीरे खराब होने लगते हैं लेकिन अगर आप कार एलाइनमेंट को समय रहते सही करवाते हैं तो गाड़ी के अन्य पाठ भी सुरक्षित रहेंगे और आपके जेब से जो पैसे लगेंगे वह भी कम लगेंगे।

कब करवाएं कार का व्हील अलाइनमेंट ठीक

सामान्यतः कार व्हील एलाइनमेंट को लगभग 5 हज़ार किलोमीटर से 10 हजार किलोमीटर के बीच बैलेंसिंग करवाना चाहिए। यानी अगर आसान भाषा में कहें तो हर सर्विसिंग के साथ ही एलाइनमेंट भी चेक करवा लेना जरूरी होता है, उसी के साथ हमें पता चल जाता है कि कुछ खराबी है या नहीं अगर खराबी निकलती है तो उसे तुरंत सही करवा लेना समझदारी होगी। लेकिन आप अगर लंबी दूरियों तक सफर करते हैं और जिन रास्तों पर आप गाड़ी चलाते हैं वे कच्चे या फिर गड्ढों से भरे हुए हैं तो व्हील अलाइनमेंट आम 3 से 5 हजार किमी. में ही करवाएं।

 

 

 

 

 

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